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जमीन पे फैला ज्ञान का सागर,
तुम लिए बैठे मोबाईल की गागर।
शहर की भागम भाग का रोना,
हमने जाने कबसे पकड़ रखा ये कोना।
याद जो पुराने वक्त की आती,
सारी पगडंडियां यही मिल जाती।
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जमीन पे फैला ज्ञान का सागर,
तुम लिए बैठे मोबाईल की गागर।
शहर की भागम भाग का रोना,
हमने जाने कबसे पकड़ रखा ये कोना।
याद जो पुराने वक्त की आती,
सारी पगडंडियां यही मिल जाती।
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