Share0 Bookmarks 49674 Reads1 Likes
हे राम ! पुनः आना होगा
धरती की पीर मिटाने को
तेरे समय एक रावण था
अब रावण की फौज खड़ी
सीताएँ अपमानित होतीं
सहती पीड़ा पड़ी पड़ी
हनुमान अब कोई नहीं, हाँ
मेघनाद हैं भरे पड़े
कोई लक्ष्मण जैसा भाई
कहाँ किसी के साथ खड़े ?
नहीं सखा सुग्रीव समान
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments