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शुरुआत में मोहब्बत का कुछ दौर ऐसा होता है ।
आशिक, तड़पे बिन पानी के प्यासा जैसा होता है ॥
भूख प्यास सब खतम हो जाए, वह ऐसा बौराता है।
हर वक्त एक ही चेहरे पर वह मन ही मन मुस्काता है ,
उसकी प्यारी मीठी बातो में, अपने दिल को घायल कर देता है !!
चैन नींद सब भूल भाल कर खुद को पागल कर देता है।
कुछ क्षण उसके पास बैठूं कुछ बात करूँ अपने मन की ,
हर बात बात में मुस्काएं, चाहे वह बात न हो जँचती ।
अपने प्रेमी के बातों पर वह ध्यान लगाए जाता है !!
जिस दिन बात न हो दिल की, वह सब पर क्रोध दिखाता है!!
उनकी छोटी सी
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