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सभी शिक्षकों को मेरा वंदन,
ना किसी व्यक्ति विशेष को,
हर उस शख्श को,
चिंता के समागम मे ,
टिकी थी जिन पर उम्मीद,
पर ना कि उन्होंने एक बार भी पहल,
सबसे बड़ा गुरु समय,
मुश्किल से सामना करना, कराया जैसे वाफिक,
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