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एक अदद ज़िंदगी की ख़्वाहिश में
आ गए ज़िस्म की नुमाइश में
भटकते ही रहे हैं सारी उम्र
बंजारे कब रहे रिहाइश में
बदलनी है जिन्हें तक़दीर अपनी
लगे हैं ज़ोर-आजमाइश में
आपका ही भला है लगता है
सचमुच आप की सिफारिश में
वक्त कुछ दिन के बाद बदलेगा
अभी सितारे आपके हैं गर्दिश में
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