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पहला प्रेम असफल हो गया था
इसलिए दोस्त पागल हो गया था
विरह की आग में इतना जला कि
कई आंखों का काजल हो गया था
उसे देखा जो बरसों बाद मैंने
अचानक भाव विह्वल हो गया था
लगाया था जो पौधा मिलन पर
बड़ा होकर के पीपल हो गया था
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