दुनियादारी's image
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भूख को रोटी और हाथों को काम मिले

चाहे सब को न अल्लाह न राम मिले


सब की मेहनत हिन्दुस्तान बनाने में

सब को अपने हिस्से का ईनाम मिले


ख़ुदा ज़रा उन पर भी रहमत कर अपनी

मेहनतकश को भी थोड़ा आराम मिले


नाकामी बस वाहिद शख़्स नहीं हूँ मैं

मुझको जो भी लोग मिले नाकाम मिले


ये कैसी दुनियादारी मेरे मौला

मरहम सस्ते ज़ख़्म ही ऊँचे दाम मिले


इतनी भी नादानी अच्छी बात नहीं

तुमको बैठे-बैठे यहां मकाम मिले


जो करते हैं सब के झूठे दावे हैं

यार, ख़ुदा कब किसको सुबह-शाम मिले


कुछ तो ऐसे लोग मिले कि मत पूछो

थे बेहद मशहूर मगर बदनाम मिले


कैसे मानें कौन है झूठा सच्चा कौन

जो सच्चा था उसके सर इल्ज़ाम मिले


मिश्र' ये कैसी दुनिया है दीवानों की

पत्थर पर भी दीवानों के नाम मिले

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