बैठी है's image
Share0 Bookmarks 56462 Reads0 Likes

तन्हाई जब से पास बैठी है

मेरी ग़ज़ल उदास बैठी है


आप कहते हैं ज़िंदगी जिस को

सामने बद-हवास बैठी है


झूठ ने जेवरात पहने हैं

सच्चाई बे-लिबास बैठी है


खुशनसीबी भी बदनसीबी भी

मेरे आस-पास बैठी है


उठ त

Send Gift

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts