अधूरे चांद को देखकर
कभी-कभी लगता है,
रिश्ते भी अक्सर, ऐसे ही अधूरे रहते हैं?
और फिर कभी कभार, यूं ही,
हो जाते हैं पूरे,
उस चांद की तरह।
फिर अचानक ही,
जिंदगी के पूरे अंबर पर,
वो अलग दिखाई देते हैं,
रिश्ते....
फिर शुरू होता है, वो सफर
रिश्त
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