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तुमने कहा था लौट आऊंगा
बाट जोह ले दो दिन के,
अब तो वर्षों बीत गए हैं
छत पे तारें गिन-गिन के,
तुमने कहा था लौट आऊंगा बाट जोह ले दो दिन के।
तुमने कहा था लौट आऊंगा...
याद तुमको दिल करे और नैनन नीर बहातें हैं,
कल कि मिठी जुबां भी अब तो गीत विरह के गातें हैं,
अब तो दिल ये टूट रहा है
बिखर रहा तिनके-तिनके,
तुमने कहा था लौट आऊंगा बाट जोह ले दो दिन के।
बिंदिया, चूड़ी, कंगन, पायल, काजल नितदिन पूछ रहें हैं,
मिल गई उनको सौत सखी का? जो पिया जी तुमको भूल गए हैं?
छलनी होता है कलेजा
ऐसे सवालों को सुनके,
तुमने कहा था लौट आऊंगा बाट जोह ले दो दिन के।
प्रीत के रित को जीत के अब तो हारे-हारे लगतें हैं,
याद तुमको कर-कर अब हम रात-रात भर जगतें हैं,
ऐसे कैसे भूल सकते हो
तुम मेरी निंदें छीन के,
तुमने कहा था लौट आऊंगा बाट जोह ले दो दिन के।
नितेश शर्मा
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