रौशन चांद's image
Share0 Bookmarks 47927 Reads1 Likes

बादलों की ओट से झांकता है चांद आज,

इतना रौशन क्यूं हुआ सोचता है चांद आज,

ये किसी की याद है या खिले जज़्बात हैं, 

या कोई खिड़कियों से तक रहा है चांद आज।


लगता है डूबा हुआ किसी के इश़्क में चांद आज,

प्रियतमा की बालियां बन चमकता है चांद आज,

इश़्क में पहला ख़त लिख रहा है चांद आज,

या किसी के माथे को चूमता है चांद आज ।


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts