
Share0 Bookmarks 69 Reads0 Likes
गौरैया का घोंसला, बरगद की वह छाँव,
कोयल की वह कूक और कागज़ की वह नाव।
ज्ञान और विज्ञान का, क्या है यही प्रभाव,
सूखे बाग़-तालाब सब, सूना हो गया गाँव।
जब-तब काँपे ये धरा, भूस्खलन-विस्फोट,
बाढ़ें-आंधी-आपदा, भूकम्पों की चोट।
लोहे और कंक्रीट के, मनमाने निर्माण,
हड़पी भ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments