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गौरैया का घोंसला, बरगद की वह छाँव,
कोयल की वह कूक और कागज़ की वह नाव।
ज्ञान और विज्ञान का, क्या है यही प्रभाव,
सूखे बाग़-तालाब सब, सूना हो गया गाँव।
जब-तब काँपे ये धरा, भूस्खलन-विस्फोट,
बाढ़ें-आंधी-आपदा, भूकम्पों की चोट।
लोहे और कंक्रीट के, मनमाने निर्माण,
हड़पी भ
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