
उसके चंचल मुख पे जचते, लंबेे घुंगराले बाल हैं
कजरारे नयनों के संग में, कोमल गुलाबी गाल हैं
उसके दीप्त सौंदर्य के सन्मुख, फीकी चांदनी रात है
उसमें कुछ अलग सी बात है
मेरे हर दैनिक कार्य में व्यवधान लाते हैं
उसके ख्याल मेरे चेहरे पर मुस्कान लाते हैं
उसकी कुर्बत में खुशबू जैसें, हुई अभी बरसात है
उसमें कुछ अलग सी बात है
उससे मिलने-बात करने के बहाने ढूंढता हूँ
प्रिय को खुश करने के, तरीके वो पुराने ढूंढता हूँ
थोड़ी परेशानी है क्योंकि अभी हुई शुरुवात हैउसमें कुछ अलग सी बात है
अंदर हैं बातें जो ख़ास, कहने को कहता हैयह दिल उसके आसपास, रहने को कहता है
आँखें बंद हों, तो होती सपनों में मुलाकात है
उसमें कुछ अलग सी बात है
हमारी आदतों में कितनी समानता है
मेरी पसंद को जैसे उसका दिल जानता है
हमें देख मुस्कुरा के उसने झल्काए जज़्बात हैउसमें कुछ अलग सी बात है
कुर्बत- समीपता, निकटता
जज़्बात- भावनाएँ
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