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उसके चंचल मुख पे जचते, लंबेे घुंगराले बाल हैं
कजरारे नयनों के संग में, कोमल गुलाबी गाल हैं
उसके दीप्त सौंदर्य के सन्मुख, फीकी चांदनी रात है
उसमें कुछ अलग सी बात है
मेरे हर दैनिक कार्य में व्यवधान लाते हैं
उसके ख्याल मेरे चेहरे पर मुस्कान लाते हैं
उसकी कुर्बत में खुशबू जैसें, हुई अभी बरसात है
उसमें कुछ अलग सी बात है
उससे मिलने-बात करने के बहाने ढूंढता हूँ
प्रिय को खुश करने के, तरीके वो पुराने ढूंढता हूँ
थोड़ी परेशानी है
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