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लड़की है लाडली है
कहते हैं बेटी है गुरुर है हमारी
घर की सुकून आँखों की नूर है हमारी.
घरों में खोखलापन तो दिखाई तब देते हैं
जब उसकी जिंदगी के फैसले घर के मर्द लेते हैं.
क्योंकि लड़की है लाडली है.
जिसकी हर ख्वाहिस को उड़ान दिया,
बेमन ही सही पर पहचान दिया.
जिंदगी की डोर सँभालने के वक़्त,
उसे समझ
कहते हैं बेटी है गुरुर है हमारी
घर की सुकून आँखों की नूर है हमारी.
घरों में खोखलापन तो दिखाई तब देते हैं
जब उसकी जिंदगी के फैसले घर के मर्द लेते हैं.
क्योंकि लड़की है लाडली है.
जिसकी हर ख्वाहिस को उड़ान दिया,
बेमन ही सही पर पहचान दिया.
जिंदगी की डोर सँभालने के वक़्त,
उसे समझ
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