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शायरी तेरी मेरी

Neelam bansalNeelam bansal April 17, 2023
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वो यार यूं बदल गया अफ़सोस है बहुत

बादल था काला टल गया अफ़सोस है बहुत ।।


रिश्ता तो रेत जैसा न था अपने दरमियाँ

फिर कैसे ये फिसल गया अफ़सोस है बहुत ।।


इज़हार ए इश्क़ उसने किया आजिजी के साथ

दिल मोम था पिघल गया अफसोस है बहुत ।।


सांसों के तार जुड़ गए थे साथ जिसके यार

वो रूह सा निकल गया अफ़सोस है बहुत ।।


पलकें बिछाए बैठे थे रस्ते पे यार के

कदमों तले मसल गया अफ़सोस है बहुत ।।


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