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सीने में खंज़र छुपाना नहीं आता..
अपनी खताओ पे शर्मिन्दा भी हो जाता हूँ
मुझे तुम्हारी तरह बहाने बनाना नहीं आता,
गर हूँ ख़तावार तो सर झुका भी सकता हूँ
पर घमंडी के आगे सर झुकाना नहीं आता,
मैं इस लिए भी दुनियाँ में नाकाम रह गया
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