बचपन's image
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वो दिन याद आते हैं,
जब छोटी सी खट्टी ख्वाहिश के लिए,
हम इमली के पेड़ पर चढ़ा करते थे,

वो दिन याद आते हैं,
जब नन्हें कदमों से हम दूर,
वो प्रख्यात मंदिर का रास्ता तय करते थे,

वो दिन याद आता हैं,
जब सर्दियों में बोरसी की आंच तले,
आलू और मटर की सिकाई किया करते थे,

वो दिन याद आते हैं,
जब स्कूल की गलियों से छूटते ही,
अपनी सहेलियों संग चटपटी भेल खाया करते थे,

हर लम्हें यादें नही बनती,
मगर यादें बनती ही हैं उन लम्हों से,
जिनमे हम अपने जीए हुए पल याद करते हैं.....

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