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शान येह है रौशनी में नहाए हुए शहरों की
उजालों मेंभी मुश्क़िल है पहचान चेहरों की
हर - सू भीड़ के समंदर में है हालात ख़राब
किनारों पे सर पटकती शिकस्ता लहरों की
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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