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मुहासिबा- ए- सफ़र क्या कहूँ
जिंदगीभर का लेखा क्या कहूँ
हादिसा कहूँ कि तमाशा कहूँ
उम्र- भर जिसे देखा क्या कहूँ
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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मुहासिबा- ए- सफ़र क्या कहूँ
जिंदगीभर का लेखा क्या कहूँ
हादिसा कहूँ कि तमाशा कहूँ
उम्र- भर जिसे देखा क्या कहूँ
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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