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माना कि कहीं भी कायनात से कुछ भी जुदा नहीं होता
ये भी तो सच है के ख़ला में कुछ भी तयशुदा नहीं होता
रोज-ओ-शब की
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ये भी तो सच है के ख़ला में कुछ भी तयशुदा नहीं होता
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