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जिगर के ज़ख़्मों पर मिरे किसी की नज़र क्यूं नहीं जाती

Nathuram KaswanNathuram Kaswan March 23, 2023
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जिगर के ज़ख़्मों पर मिरे बशर किसी की नज़र क्यूं नहीं जाती

वस्ल-ए-यार है सदाक़त तो सदा मुझ तक मग़र क्यूं नहीं आती

कारवां हबीब का मेरे कबका चल पड़ाथा मेरे कूचे की जानिब

वो चलपड़े इस तरफ तो इस तरफ़ उनकी डगर क्यूं नहीं आती

डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर

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