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वस्ले-यार को जमाने हुए
जख़्म-ए- फुर्क़त बहुत पुराने हुए !
दोस्ती के नाम पर बशर
मिलने- मिलाने को मयखाने हुए!!
डॉ.एन.आर. कस्वाँ#बशर
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वस्ले-यार को जमाने हुए
जख़्म-ए- फुर्क़त बहुत पुराने हुए !
दोस्ती के नाम पर बशर
मिलने- मिलाने को मयखाने हुए!!
डॉ.एन.आर. कस्वाँ#बशर
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