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बिकाऊ नहीं हम तिजारत ए जहाँ में
चुनाचे हमने अपने दाम रखे ही नहीं,
हर शय की क़ीमत है
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बिकाऊ नहीं हम तिजारत ए जहाँ में
चुनाचे हमने अपने दाम रखे ही नहीं,
हर शय की क़ीमत है
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