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क़ामयाब ना होगा हांफती हवाओं का मुसलसल चलना
चरागों ने सीख लिया है तेज आंधियों में बेख़ौफ़ जलना
डॉ.एन.आर. कस्वाँ #बशर
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क़ामयाब ना होगा हांफती हवाओं का मुसलसल चलना
चरागों ने सीख लिया है तेज आंधियों में बेख़ौफ़ जलना
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