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सागर से भर -भर प्याले पीते हैं हम
सपनों की दुनिया में जीते हैं हम,
उम्र गुजारी मयकदे आते जाते सारी
भीतर से बशर कितने रीते हैं हम!
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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सागर से भर -भर प्याले पीते हैं हम
सपनों की दुनिया में जीते हैं हम,
उम्र गुजारी मयकदे आते जाते सारी
भीतर से बशर कितने रीते हैं हम!
डॉ.एन.आर.कस्वाँ #बशर
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