
Share0 Bookmarks 11 Reads0 Likes
ग़म है उसके जाने का मगर
बंधनमुक्त हो कर वो गया ।
नींद आती नहीं कहता था
अटूट निद्रा में अब सो गया।
दे गया कितनी यादें अपनी
कितनों के सपने संजो गया।
निशां कदमों के बाकी रह गए
वो खुद कायनात में खो गया ।
मरुथल में सब्ज़ बाग दिखते जो
वही तो खुशियों के बीज़ बो गया।
जिंदगी भर बांटी खुशियां उसने
बस जाते वक्त आंखें भिगो गया।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments