पहला प्यार's image
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सारे शहर से गुज़रा मैं, लेकिन

कोई भी सूरत पहचानी न मिली


संग जिसके खेला बचपन में 

वो मुहब्बत की दीवानी न मिली


उससे मांगी किताब में मुझको

मुहब्बत की कोई निशानी न मिली


हर हर्फ पढ़ा गौर से किताब का

अपने लिए कोई कहानी न मिली


बड़ी देर उसके चेहरे को देखा पर

उसकी वो तस्वीर पुरानी न मिली


अरसे बाद उस दरिया में उतरा

लहरों में पहले सी रवानी न मिली

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