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जब कभी हालात का जायज़ा लिया जाएगा।
उसको दीवानेपन का इल्ज़ाम मुझ पर आएगा।
मुझको भी खबर न थी कभी इस बात की पहले
कमबख्त इश्क एक दिन ये रंग भी दिखलाएगा।
उससे पहले ही कब का दीवाना हो गया था मैं।
उस पगली को ये सब बातें कौन समझाएगा ।
तारीख़ याद करेगी सिर्फ उसकी मुहब्बत ।
मेरा ज़िक्र तो कहीं पन्नों में ही दब जायेगा। ।
उसको इनकार है मुहब्बत से ,तो हो ।
अदाओं से उसकी इक रोज झलक जायेगा।
दिल की बात दबा लेगी वो दिल ही में, मगर
आह निकलेगी तो सब को पता चल जायेगा
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