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जब हॉस्पिटल से घर लाया गया तब मां, हर तरफ सन्नाटा छा गया।
जिनके चेहरे रोज खिलखिलाते थे, वहां आज खामोशी का तूफान आ गया ।
तुम्हारे जाते ही, तुम्हारे कपड़े, तुम्हारी चारपाई, यहां तक की हमें भी तुमसे दूर कर दिया।
जो तेरे बच्चे कभी रोए नही थे, तूने जाके उनको रोने के लिए मजबूर कर दिया।
जिन बच्चों को तूने कभी धूप में निकलने पर डाटा होगा, वही आज तुझे सजाकर धूप में ले जा रहे थे।
तेरे ही बच्चे , धीरे ध
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