इश्क़-ए-चाँदनी's image
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मुझे रात के टिमटिमाते तारे,

और चाँदनी के दीदार का शौक़ है।

ये कोहरे, ये बादल, ये मेघ-

क्या बैरी है मेरी इनसे,

हर दफ़ा ये उनसे मुझे ,

परदा कर देती है॥


….मुकेश…

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