
Share0 Bookmarks 13 Reads0 Likes
चाहता हूँ उसे भूल जाना,
की कहीं और मुहब्बत हो जाये।
पर उसे भूल नहीं पता ।
हर चुप्पी हर खामोशी
हर मायूसी हर ख़ुशी में
उसका बिछड़ते वक्त का चेहरा ,
आँखों के अश्क़ों में होता है।
कुछ बुरी- कुछ अच्छी
आदतें है मेरी-
जैसे उसका क़रीब आना याद नहीं,
पर उसका मुझसे दूर होना,
हर सांस और रूह में बसा है॥
….मुकेश…..
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments