बिखरने दो ये तेरी ज़ुल्फ़ें,
उलझने दो इन्हें एक-दूसरे से।
तुम ख़ुद ही संवारोगे तो,
मेरे इश्क़ की तौहीन होगी।
ज़रा वक्त मुझे तो दो,
इन्हें हम संवारेंगे॥
….मुकेश.
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