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तेरे दिल के किसी कोने में अपना घर बनाऊं तो
बिना दस्तक दिए आना अगर मैं याद आऊं तो
गलतफहमी सही लेकिन मुझे इतना बता दो तुम
क्या खुद तो रोक पाओगी अगर मिलने बुलाऊं तो
तेरे पहलू से गुजरेगी मेरी यादें सबा बनकर
उसे एक बार छू लेना अगर मैं याद आऊं तो
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