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हुकूमत वक़्त की मोहताज है ख़ौफ़ न कर
तेरे सर पे मुहम्मद का हाथ है ख़ौफ़ न कर
आज हाकिम जो ज़ुल्म का कहर ढा रहा है
उसका भी वक़्त करीब आ रहा है ख़ौफ़ न कर
दब जाएगें सब सच्चाई को दबाने वाले
इसके लिए भी तैयार ख़ाक है ख़ौफ़ न कर
तुझको करना होगा सब्र ये इम्तिहान है
वो हर चीज पर कादिर है ख़ौफ़ न कर
आज क़त्ल हुए है कल कातिल भी बताए जाएंगें
तू रख दे सुकूं से सज्दे में सर ख़ौफ़ न कर
न नमरूद जी रहा है न फिरौन बाकी है
कयामत तक रहेंगें हम तू ख़ौफ़ न कर।
~ मुहम्मद आसिफ अली
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