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ये मासूम सा चेहरा
आंखें जैसे जन्नत
ये सादगी मिज़ाज़ में
और हुस्न जैसे कयामत
तुझे देखते रहें यूँ हीं
तो खफ़ा होना
क्योंकि इतने करीब से चांद को देखना
हर किसी के मुकद्दर में नहीं
इतना खुशनसीब होना
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