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छोड़ दिया पन्ना फिर कोरा हमने
लिखतें भी तो क्या लिखतें
सबसे छुपाए रखा था जिसे
उसके बारें में क्या लिखतें
यूँ तो बेताब है मोहब्बत मेरी
उससे इश्क़ करने को
मगर जिसका नाम तक
जुबां पे नहीं ला सकते
उससे कहते भी तो क्या कहते
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