कीमत...एक बेटी होने की's image
2 min read

कीमत...एक बेटी होने की

mini POETRYmini POETRY June 16, 2020
Share0 Bookmarks 251335 Reads0 Likes

पूँछ बैठा आज मेरा साया मुझसे 

साथ हूँ मैं तेरे जबसे

देखा नहीं कभी तुझे मुस्कुराते हुए

क्या राज़ है आज बता दे मुझे,,

मैनें अपनी झुकी हुई नज़रें उठाते हुए कहा,,

सुन,मैं भी मुस्कुराना चाहती हूँ 

फूलों की तरह खिलखिलाना चाहती हूँ

चाहत है खुले आसमां में उड़ने की

अपनी बेरंग ज़िन्दगी में रंग भरने की

अरमां हैं मेरे भी कुछ अपने

खुली आँखों से देखे मैनें न जाने कितने सपने

वो नन्हे-नन्हे बच्चे जब बस्ता लेकर निकलते हैं

उन्हें देख कर मेरे क

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts