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*कोयल *
कोयल तुम हो काली - काली,
तुम्हारी आवाज़ है बड़ी निराली,
आकर सुबह मेरे बालकनी के सामने,
चमेली फूलों की डाली पर बैठ,
अपनी सुरीली आवाज बिखेर,
सबके मन को हर लेती हो,
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*कोयल *
कोयल तुम हो काली - काली,
तुम्हारी आवाज़ है बड़ी निराली,
आकर सुबह मेरे बालकनी के सामने,
चमेली फूलों की डाली पर बैठ,
अपनी सुरीली आवाज बिखेर,
सबके मन को हर लेती हो,
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