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कुछ भी अच्छा नहीं
कोई सच्चा नहीं
दोस्त बनकर देते है धोखा
कोई अब कैसे करें भरोसा
अपने बनते है लोग
साथ रहते हैं जो
उनको कोई कैसे पहचानें
कब कहां किस घड़ी
उनकी नीयत बिगड़ी
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कुछ भी अच्छा नहीं
कोई सच्चा नहीं
दोस्त बनकर देते है धोखा
कोई अब कैसे करें भरोसा
अपने बनते है लोग
साथ रहते हैं जो
उनको कोई कैसे पहचानें
कब कहां किस घड़ी
उनकी नीयत बिगड़ी
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