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हर इंसान खुदा की छाया है,
उसकी रहमत से इस जहां,
मैं आया है,
किसी को मिली है खुशियां ही खुशियां,
कोई गम का शरमाया है,
इंसान खुदा को प्यारा है,
उसकी नज़रों का तारा है#
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हर इंसान खुदा की छाया है,
उसकी रहमत से इस जहां,
मैं आया है,
किसी को मिली है खुशियां ही खुशियां,
कोई गम का शरमाया है,
इंसान खुदा को प्यारा है,
उसकी नज़रों का तारा है#
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