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गजल "
गुजर रहा है एक -एक पल,
किसी की चाहत में,
निगाहें बेचैन होती है
किसी के आने की आहट पे
लो मै आ गया वो नहीं आये
क्या नाराजगी बहुत है,
बार -बार मन यही दोहराये,
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गुजर रहा है एक -एक पल,
किसी की चाहत में,
निगाहें बेचैन होती है
किसी के आने की आहट पे
लो मै आ गया वो नहीं आये
क्या नाराजगी बहुत है,
बार -बार मन यही दोहराये,
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