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दहेज
मां का आंचल छूटा
पापा का प्यार छूटा
भइया से छूटा तकरार
कदम पडे ससुराल के द्वार
नयी नवेली दुल्हन बनकर आयी ससुराल
सासू मां का आशीर्वाद मिला
सजना का हाथ मिला
कदम- कदम पर सबका दिल जीतना चाहूं
इसका किसी को कोई नहीं परवाह
ए तो है दहेज के लोभी
इनको किसी के भोली बेटी की
रहती नहीं चाह
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