
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान॥ टीचर्स डे 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं। गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते।
ये प्रेरक कविताएं राष्ट्र के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों को समर्पित हैं| समस्त शिक्षकगणों के सम्मान में कुछ सुन्दर शिक्षक दिवस पर कविताएँ यहाँ उपलब्ध हैं| छात्र व् छात्राएं इन कविताओं को अपने गुरुओं को समर्पित करके उनका आभार व्यक्त करें –
सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है
ये सब समझाते है आप,जब सूझता नहीं कुछ भी
राहों को सरल बनाते हैं आप,
जीवन के हर अँधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप,
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े
नया रास्ता दिखाते हैं आप,
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हैं आप!
गुरु बिन ज्ञान नहीं
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है,
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