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वो बातें मेरे ही जेहन में सब दबी निकली – हिंदी कविता
वो बोलता रहा इक बात ना नयी निकली,
जो उसने बोला वो सब बात ही कही निकली!
सुनाता सबको अगर मैं कहीं गलत होता,
यकीन मानो न मुझमें कोई कमी निकली!
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