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जोश मलसियानी: वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं

Md Anees QamarMd Anees Qamar August 16, 2022
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वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं 

खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं 


ज़रूरत हो तो मर मिटने की हिम्मत हम भी रखते हैं 

ये जुरअत ये शुजाअत ये बसालत हम भी रखते हैं 


ज़माने को हिला देने के दावे बाँधने वालो 

ज़माने को हिला देने की ताक़त हम भी रखते हैं 


बला से हो अगर सारा जहाँ उन की हिमायत पर 

ख़ुदा-ए-हर-दो-आलम की हिमायत हम भी रखते हैं 


बहार-ए-गुलशन-ए-उम्मीद भी सैराब हो जाए 

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