तेरे खावों ख्यालों की दुनिया हूँ मैं's image
Love PoetryPoetry1 min read

तेरे खावों ख्यालों की दुनिया हूँ मैं

मारूफ आलममारूफ आलम October 4, 2021
Share1 Bookmarks 216787 Reads1 Likes

तेरे खावों ख्यालों की दुनियाँ हूँ मैं

शाम है तू,उजालों की दुनियाँ हूँ मैं


जबाब मयस्सर हों तो आना कभी

अनगिनत सवालों की दुनियाँ हूँ मैं


मेरी महफ़िल मे सच हार जाता है

झूठों की,दलाल

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts