Share1 Bookmarks 216787 Reads1 Likes
तेरे खावों ख्यालों की दुनियाँ हूँ मैं
शाम है तू,उजालों की दुनियाँ हूँ मैं
जबाब मयस्सर हों तो आना कभी
अनगिनत सवालों की दुनियाँ हूँ मैं
मेरी महफ़िल मे सच हार जाता है
झूठों की,दलाल
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments