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मोहब्बत तन से ना हो के
मोहब्बत मन से होते हैं
बिछड़ते है सनम से जब
तो ये दिन-रात रोते है।
मोहब्बत रूप ना देखें
मोहब्बत धूप में तपते है
ये अपन
मोहब्बत मन से होते हैं
बिछड़ते है सनम से जब
तो ये दिन-रात रोते है।
मोहब्बत रूप ना देखें
मोहब्बत धूप में तपते है
ये अपन
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