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पितृ स्मृति

Manmoham sharmaManmoham sharma December 23, 2021
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पितृ-स्मृति



आज पिता की याद सताती, बचपन में रह रह के रुलाती।
कर जोरे और करें नमन ।।
मेरे जनक मेरे पिताजी।।
याद आता है वो सुबह का उठना, 'उनके संग वो दौड़ के चलना।

आओ करे उनको नमन ।।
मेरे जनक मेरे पिताजी।।
बचपन में वो दूर से आना ,टीन भर-भर कर घी लाना।।
खूब समौसा, कचौड़ी खिलाना और खिलाते हमे गुलाब जामुन।।मेरे जनक मेरे पिता जी
खेत, कुओं पर हम जाते अपने पुरखों को हम मनाते।
खूब पुआ और चटख चढ़ाते और चढ़ाते तुलसी व जल।।
मेरे जनक मेरे पिता जी
बाग घूमने खेतों पर जाते,खूब वाल और होरा खाते।
मूंगफली

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