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शांत पड़ी
पटरियों पर
धड़धड़ाती हुई
गुजरती रेल
पीछे छोड़ जाती है
फिर वो ही
सन्नाटा और
लंबा इंतजार
पटरियों के जीवन में
लिखा है शायद
पीछे छूटना और
प्रतीक्षा करना ।
मं शर्मा( रज़ा )
पटरियों पर
धड़धड़ाती हुई
गुजरती रेल
पीछे छोड़ जाती है
फिर वो ही
सन्नाटा और
लंबा इंतजार
पटरियों के जीवन में
लिखा है शायद
पीछे छूटना और
प्रतीक्षा करना ।
मं शर्मा( रज़ा )
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