
Share0 Bookmarks 42 Reads0 Likes
उम्र के इस पड़ाव में
हाथों को लेकर हाथ में
नदी किनारे एक प्रौढ़ जोड़ा
समय को धत्ता बता रहा है
आज को इसतरह भुला कर
कल को फिर दोहरा रहा है
प्यार के अथाह सागर में
मानो डुबकियां लगा रहा है ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments